कुटीर उद्योग किसे कहते हैं?
कुटीर उद्योग वे उद्योग होते हैं जो घरों में ही किए जाते हैं, न कि कारखानों में। इन उद्योगों में, कुशल कारीगर कम पूंजी और अधिक कुशलता से अपने हाथों से वस्तुओं का निर्माण करते हैं। कुटीर उद्योगों में आमतौर पर परिवार के सदस्य मिलकर काम करते हैं।
कुटीर उद्योगों के कुछ उदाहरण हैं:
- बुनकर
- लकड़ी का काम
- मिट्टी के बर्तन
- जूता बनाना
- कढ़ाई
- सिलाई
- आभूषण बनाना
कुटीर उद्योगों के कई फायदे हैं:
- रोजगार: कुटीर उद्योग ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं।
- आत्मनिर्भरता: कुटीर उद्योग लोगों को आत्मनिर्भर बनने में मदद करते हैं।
- कौशल विकास: कुटीर उद्योग लोगों को विभिन्न कौशल विकसित करने में मदद करते हैं।
- आर्थिक विकास: कुटीर उद्योग ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
कुटीर उद्योगों के कुछ नुकसान भी हैं:
- कम आय: कुटीर उद्योगों में काम करने वाले लोगों की आय आमतौर पर कम होती है।
- अनिश्चितता: कुटीर उद्योगों में काम करने वाले लोगों के लिए रोजगार अनिश्चित हो सकता है।
- प्रतियोगिता: कुटीर उद्योगों को बड़े उद्योगों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है।
सरकार कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाती है। इन योजनाओं के तहत, सरकार कुटीर उद्योगों को ऋण, सब्सिडी और प्रशिक्षण प्रदान करती है।
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